अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ, जिनकी हमे छुने की औकात नहीं होती। |
Aksar Wohi Log Uthhate Hain Hum Par Ungliyan, Jinki Humein Chhune Ki Aukaat Nahi Hoti. |
दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी, मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ। |
Dusmano ko sjaa dene ki ek tehjeeb hai meri Main haath nhi uthata bs najro se gira deta hu |
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है, चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल। |
Jha kadr na ho apni wha jaana fijool hai Chahe kisi ka ghr ho chahe kisi ka dil |
मत करो मेरी पीठ के पीछे बात जाकर कोने में। वरना पूरी जिंदिगी गुज़र जाएगी रोने में। |
Mt kro meri peeth ke piche baat jaakr kone me Vrna puri jindagi gujr jayegi rone me |
वो खुद पे इतना गुरूर करते हैं, तो इसमें हैरत की बात नहीं, जिन्हें हम चाहते हैं, वो आम हो ही नहीं सकते। |
Woh Khud Par Guroor Karte Hai, To Isme Hairat Ki Koi Baat Nahi. Jinhe Hum Chahte Hai, Woh Aam Ho Hi Nahi Sakte. |
सुन पगली… तू मोहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे, अगर जिद होती तो मेरी बाहों में होती। |
Sun pagli… Tu mohabbat hai meri isliye durr hai mujse Agar jidd hoti to meri baahon me hoti |
तेरी ईगो तो 2 दिन की कहानी है बट मेरी अक्कड़ तो खानदानी है |
Teri Ego Tho 2 Din Ki Kahaani Hai But Meri Akkad Tho Khandani Hai |
सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी, हम अकेले पूरी महफ़िल के बराबर हैं। |
बस दीवानगी की खातिर तेरी गली मे आते हैं, वरना आवारगी के लिए तो सारा शहर पड़ा है। |
Bas Deewangi Ki Khatir Teri Gali Mein Aate Hain, Varna Aawargi Ke Liye Toh Saara Shahar Pada Hai.
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पीने पिलाने की क्या बात करते हो, कभी हम भी पिया करते थे, जितनी तुम जाम में लिए बैठे हो, उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे!! |
Peene pilane ki kyaa baat krte ho Kbi hum bhi piya krte the Jitni tum jam me liye baithe ho Utni hum paimaane me chhod diya krte the |
तुम ज़रा हाथ मेरा थाम के देखो तो सही लोग जल जायेंगे महफ़िल में , चिरागों की तरह |
Tum Zara Haath Mera Thaam Ke Dekho Tho Sahi Log Jal Jayenge Mehfil Mein, Chiragon Ki Tarah |
दोस्तों थोड़ी इज्ज़त किया करो हमारी… वरना #Girlfriend पटा लेंगे तुम्हारी। |
Dosto thodi ijjat kiya kro hmari Vrna girlfriend pta lenge tumhari |
दुनिया दारी की चादर ओड़ के बैठे हैं.. पर जिस दिन दिमाग सटका ना तो इतिहास भी बदल देंगे.. |
Duniya daari ki chaadar ood ke baithe hain Par jis din dimaag stka na to itihaas bhi bdl denge |
जिस दिन याद करेगा मेरी मोहब्बत को बोहुत रोये ग खुद को बेवफा समझ कर |
Jis Din Yaad Karega Meri Mohabbat Ko Bohut Roye Ga Khud Ko Bewafa Samjh Kar |
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